जलडेगा प्रखंड के विलियम लुगुन चौक जलडेगा से बांसजोर भाया बोंगरा तक कुल 14.613 किलोमीटर तक संवेदक भारद्वाज टेक्नो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सड़क और पुल निर्माण कार्य में भारी अनियमित बरती जा रही है। बाघडूबा में 5/4 आकर में बनाए जा रहे पुल में घटिया निर्माण सामग्रियों का प्रयोग किया जा रहा है। इस पुल के निर्माण कार्य में प्राक्कलन के विपरित मिट्टी युक्त दो नंबर का बालू, कम गुणवत्ता की गिट्टी का प्रयोग हो रहा है। इससे यहां के स्थानीय लोगों में नाराजगी है। पुल निर्माण में नींव को मेटल, बालू व सीमेंट से मजबूती से ढलाई करने के बजाए संवेदक नींव को सीमेंट रहित डस्ट, मेटल और जीरा चिप्स से ढलाई कर रहा है। काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि अभी तक सड़को में जितने भी नए पुल का निर्माण किया जा चुका है उनमें घटिया किस्म की ही मिट्टी युक्त बालू और निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। निर्माण कार्य में गुणवत्ता युक्त ब्लैक स्टोन चिप्स की जगह पर घटिया किस्म का सफेद स्टोन चिप्स लगाया गया है। निर्माण कार्य को देखकर ठेकेदार के साथ-साथ विभागीय अभियंताओं की भी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। मजदूरों का कहना है कि पुल निर्माण में ढलाई के दौरान विभागीय अभियंता का कार्य स्थल पर मौजूद रहना आवश्यक है। लेकिन किसी भी ढलाई के दौरान विभागीय अभियंता कार्य स्थल में उपस्थित नहीं रहे हैं। कभी कभार एक से दो बार आधे घंटे के लिए आ कर भाग जाते हैं।

मामले पर जेई ओम प्रकाश से बात करने पर उन्होंने साफ इन्कार करते हुए कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो सुधार किया जाएगा। जबकी कार्यस्थल पर उपस्थित मुंशी से पुछने पर कहा जमीन पर पानी होने के कारण ऐसा किया जा रहा है, और जेई की सहमति से ही काम हो रहा है। घटिया निर्माण कार्य को लेकर पिछले 8 नवंबर को दैनिक अखबारों में भी प्रकाशित की गई थी लेकिन मामले पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया। कुल मिलाकर देखा जाए तो सड़क निर्माण के नाम पर योजना बंदरबांट होते नज़र आ रहा है यही कारण है कि जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मामले पर चुप्पी साधे हुए है।
स्थानीय मजदूरों को नहीं दिया जा रहा है काम और न्यूनतम मजदूरी

करोड़ों रुपए से बन रहे इस सड़क निर्माण कार्य में स्थानीय मजदूरों को काम भी नहीं मिल रहा है और जो मजदूर काम पर लगे हैं उन्हें न्यूनतम तक नहीं दी जा रही है। यही नहीं कार्यस्थल पर पानी, और दवा तक की सुविधा नहीं है ना ही मजदूरों को सेफ्टी कीट दिया गया है।